चाणक्य नीति। बहुत साल पहले एक महान विद्वान का जन्म हुआ जिसका नाम आचार्य चाणक्य था उन्होंने अपने विद्या के सहारे राजा धनानंद को गाड़ी से निकाल दिया और वह एक नया राजा चंद्रगुप्त को गाड़ी पर बैठा दिया ऐसा है आचार्य चाणक्य
चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि लोगों को जो हो गया उसका कभी पछतावा नहीं करना चाहिए और जो होने वाला है उसका कभी चिंता नहीं करना चाहिए
इसका मतलब है की जो हो गया है उसका सोच कर पछताने से कुछ नहीं मिलेगा जो हो गया है वह वापस नहीं आ जाएगा इसलिए जो हो गया उसका पछतावा करने से कोई मतलब नहीं है
आगे के बारे में कहते हैं की जो होने वाला है उसकी चिंता करने से हमें अभी तकलीफ मिलेगी क्या पता कल जो सोच रहा हो वैसा ना हो और वैसे भी जो होने वाला है उसे कोई ताल नहीं सकता तो उसकी चिंता करने से क्या लाभ
चाणक्य जी कहते हैं की ज्यादा किसी के ऊपर विश्वास करने से आपको एक दिन विश्वास टूटने लगेगा इसलिए हमेशा लोगों पर आंख मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए
इसका मतलब यह है कि आप किसी के ऊपर इतना ज्यादा भी विश्वास नहीं करना चाहिए कि वह विश्वास घात करें तो हमें बहुत दुख हो और हमें लोगों पर विश्वास ही नहीं करना चाहिए ऐसा भी नहीं सोचना चाहिए क्योंकि विश्वास से ही दुनिया कायम है थोड़ा-थोड़ा विश्वास करना चाहिए
आचार्य चाणक्य जी ने धन के बारे में कहा है कि अपना कमाया हुआ धन गरीब में दान देना चाहिए और वही धन को मुसीबत के समय उपयोग करना चाहिए लक्ष्मी चंचल होती है इसलिए उसे संभल के रखना चाहिए और बुरा वक्त में उसका उपयोग करना चाहिए
गलत कमाया हुआ धन ज्यादा से ज्यादा 10 साल रहता है उसके बाद वह अपना सूट समेत वापस ले लेता है इसलिए गलत तरीका से धन न कमाए अपने मेहनत और ईमानदारी से ही पैसा कमाए
राजा अग्नि और स्त्री के ज्यादा करीब रहना नहीं चाहिए वह जल्दी जलता है और इतना दूर भी रहना नहीं चाहिए कि इसे कोई फायदा ना हो सके बराबर रहकर संबंध बनाएं जिससे आपको फायदा भी हो सके
आचार्य चाणक्य नया अपने चाणक्य नीति में लिखा है और कई सौ साल पुराना यह ग्रंथ आज भी काफी उपयोगी है जिससे लोगों को यह पता चलेगा कि कौन सा कार्य सही है और कौन सा गलत यह आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में लिखा है
चाणक्य कौन थे
चाणक्य एक विद्वान थे और जाति से ब्राह्मण हैं
चाणक्य जी का जन्म कहां हुआ है
आज से 2500 वर्ष पहले पटना बिहार से
चाणक्य के पिता कौन है
चनक नाम के ब्राह्मण हैं