विदुर नीति। जीवन जीने के लिए सर्वश्रेष्ठ विचार

विदुर नीति। महाभारत काल में एक ऐसे महान ज्ञानी का जन्म हुआ जिसका नाम है विदुर और उसने अपने लिखी ग्रंथ में जीवन जीने के ऐसे कई महत्वपूर्ण चीज को बताया गया है जिसमें लोग गलत सही का चुनाव कर सकता है और जीवन जीने के लिए उपयोगी हो सकता है

विदुर नीति अध्याय आठवां

  • विदुर जी कहते हैं _ जो सज्जन पुरुषों से आदर पाकर आशक्ति रहित हो अपनी शक्ति के अनुसार अर्थ साधन करता रहता है उस श्रेष्ठ पुरुषों को शीघ्र ही सुयश की प्राप्ति होती है क्योंकि संत जिस पर प्रसन्न होते हैं वह सदा सुखी रहता है
  • जो अधर्म से उपार्जित महान धनराशि को भी उसकी ओर आकृष्ट हुए बिना ही त्याग देता है वह जैसे सांप अपनी पुरानी केचुल को छोड़ता है उसी प्रकार दुखों से मुक्त हो सुखपूर्वक शयन करता है
  • झूठ बोलकर उन्नति करना राजा के पास तक चुगली करना गुरु से भी मिथ्या आग्रह करना ये तीन कार्य ब्रह्म हत्या के समान है
  • गुना में दोष देखना एकदम मृत्यु के समान है कठोर बोलना या निंदा करना लक्ष्मी का वध है सुनने की इच्छा का अभाव या सेवा का अभाव उतावलापन और आत्म प्रशंसा ये तीन विद्या के शत्रु है
  • आलस्य मंद मोह चंचलता गोष्ठी उदंडता अभिमान और लोभ ये सात विद्यार्थियों के लिए सदा ही दोष माने गए हैं
  • सुख चाहने वाले को विद्या कहां से मिले विद्या चाहने वालों के लिए सुख नहीं है सुख की चाह हो तो विद्या को छोड़ और विद्या चाहे तो सुख का त्याग करें
  • ईंधन से आग की नदियों से समुद्र की समस्त प्राणियों से मृत्यु की और पुरुषों से कुल्टा स्त्री की कभी तृप्ति नहीं होती
  • आशा धैर्य को यमराज समृद्धि को क्रोध लक्ष्मी को कृपनता यश को और सार संभाल का अभाव पशुओं को नष्ट कर देता है इधर एक ही ब्राह्मण यदि क्रुद्ध हो जाय तो संपूर्ण राष्ट्र का नाश कर देता है
  • बकरियां कासे का पात्र चांदी मधु अर्क खींचने का यंत्र पक्षी वेद वेता ब्राह्मण बूढ़ा कुटुंमबी और विपत्ति ग्रस्त कुलीन पुरुष ये सब आपके घर में सदा मौजूद रहे
  • भारत। मुनि जी ने कहा है कि देवता ब्राह्मण तथा अतिथियों की पूजा के लिए बकरी बैल चंदन वीना दर्पण मधु घी जल तांबे के बर्तन शंख साल ग्राम और गोरो चन ये सब वस्तुएं घर पर रखनी चाहिए
  • तात। अब मैं तुम्हें बहुत ही महत्वपूर्ण एवं सर्वोपरी पुण्य जनक बात बता रहा हूं _ कामना से भय से लोभ से तथा इस जीवन के लिए भी कभी धर्म का त्याग न करें
  • धर्म नृत्य है किंतु सुख-दुख अनित्य है जीव नित्य है पर इसका कारण अविद्या अनित्य है आप अनित्य को छोड़कर नित्य में स्थित होइए और संतोष धारण कीजिए क्योंकि संतोष ही सबसे बड़ा लाभ है
  • धन धान्यदि से परिपूर्ण पृथ्वी का शासन करके अंत में समस्त राज्य और विपुल भोगों को यही छोड़कर यमराज के वश में गये हुए बड़े-बड़े बलवान एवं महानुभाव राजाओं की ओर दृष्टि डालिए
  • राजन जिसको बड़े कष्ट से पाला पोसा था वह पुत्र जब मर जाता है तो मनुष्य उसे उठाकर तुरंत अपने घर से बाहर कर देते हैं पहले तो इसके लिए बाल छीतरये करुण स्वर में विलाप करते हैं फिर साधारण कांड की भांति उसे जलती चीता में झोंक देते हैं

विदुर कौन है

विदुर यमराज का दूसरा रूप है

विदुर नीति कीसने लिखी

विदुर जी ने

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